A thinking thinker
A blog about simple yet neglected important life topics.
Monday 25 July 2016
#Haiku आश्रित
बेघर मैं क्यूं?
कोख़ में तो तुम थे
आश्रित कौन?
मनीषा शर्मा~
बेटी, पत्नी और माँ, हर रिश्ते में मुझे (औरत) पुरूष (पिता, पति और पुत्र) पर आश्रित माना जाता है।
परन्तु,
हे पुरूष तुम मेरी शरण (कोख़) में थे, तो मैं आश्रित कैसे?
#EndMaleGuardianship
#TryBeatingMeLightly
Sunday 17 July 2016
#Haiku मर्ज़ी
तेरी तू जाने
मेरी मर्ज़ी में है तू
जब तू माने
मनीषा शर्मा~
Tuesday 12 July 2016
#Haiku एकांत
Grave of Razia Sultan in Bulbul-i-Khan near Turkmen Gate, Delhi
एक खामोश
एकांत की पुकार
सुनी किसी ने?
मनीषा शर्मा~
आज कितने दिल्लीवासियों को पता है कि उनके शहर में रजिया सुल्तान की मज़ार है और अगर है भी तो कहां हैं।
Thursday 7 July 2016
#Tanka भ्रम
देह ही में हैं
नदियाँ, सूर्य, चन्द्र
देवी-देवता
सब तीरथ तेरे
भटकता भला क्यूँ?
मनीषा शर्मा~
धर्म और आस्था एक निजी राय होती है, सार्वजानिक नही, तमाशाई और तमाशबीन मत बनों।
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