**एक रिश्ता
किताब में रखे सुखे गुलाब सा
एक रिश्ता
सुबह ओस में भीगे गुलाब सा
एक रिश्ता
सुहागरात की सेज पर बिखरे गुलाब सा
एक रिश्ता
शीशी में भरे इत्रगुलाब सा
एक रिश्ता
उसे देख कर खिले चेहरा गुलाब सा
एक रिश्ता
तेरा मेरा गुलकंद में गुलाब सा।
मनीषा शर्मा~
Thank u Aneeta :)
ReplyDeleteVery sweet, and fragrant too:)
ReplyDeleteThank u Amit :)
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