Search This Blog

Friday 8 January 2016

यकीन मानो~



नाम लिखती हूँ, तुम्हारा

हवा, पानी और रेत पर

तुमसे प्यार जो करती हूँ

परन्तु

पानी याद नहीं रखता

हवा को सूनाई नहीं देता

रेत महसूस नहीं करती

यकीन मानो, मैं

प्यार करती हूँ तुमसे।


मनीषा शर्मा~

8 comments: