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Monday, 7 September 2015

मेरी उड़ान







बेहद ऊंची जगह थी

तुम्हारी, मेरे लिए

आज तुमनें

लुढ़का दिया अपने दिल से

पागल, मैं धड़ाम नहीं गिरूंगी

इतनी ऊंचाई से

संभाल ही लूगी खुद को

और उड़ना सीख जाउंगी


मनीषा शर्मा~

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