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Tuesday 29 September 2015

संघर्ष जमीन और जिदंगी के लिए



तुम्हें तो जमीन की तलाश थी

अदृश्य हाथों ने समुद्र के बीचों बीच फेंक दिया

समुद्र के बीच तूफान के हमले

धरती पर इंसानों का ताडंव

तुम्हें सारा जीवन सघर्ष ही तो करना था

अच्छे नम्बरों के लिए, नौकरी के लिए,

जीवन-मृत्यु के संघर्ष में क्यों पड़े

अयलान तुम्हारी समुद्री यात्रा

"लाइफ आफ पॉय"जैसी फिल्मी क्यों नहीं बन पाई

ईश्वर का छिपा हाथ

तुम्हारी तरफ क्यों नहीं बढ़ा

क्यों वैसी जिदंगी तुम्हें जीनी पड़ी

क्यों ऐसी मौत तुम्हें मिली

एक संमदर मेरे अंदर बिफरा हुआ है

चलों कुछ देर इस तट पर विश्राम कर लो

फिर कोई मां तुम्हें अपने गर्भ में धारण करेगी।


मनीषा शर्मा~


P.s 4500 से ज्यादा सीरियाई पिछले पांच साल में मैडिटेरियन समुद्र में डुब कर

जान गंवा चुके हैं।दुसरे विश्व युद्ध के बाद यह सबसे बड़ा इंसानी पलायन

हैंऔर सबसे भीषण शरणार्थी संकट।क  ई देशों ने शरणार्थियों का खुल कर

स्वागत किया तो कई देशों की अपनी मजबूरियां रही इन्हें शरण न दे पाने की।

अयलान कुर्दी एक तीन साल का बच्चा था जो समुद्र तट पर मृत अवस्था में

मिला था। उसके परिवार की नाव समुद्र में डुब गई थी और ये बच्चा उस हादसे

में मारा गया था :(

3 comments:

  1. Great tribute! Poignant and wrenching!

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    1. Everyone has to go one day... but its a shame on humanity if someone goes like this..

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