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Friday 15 May 2015

चाय पियो मस्त जियो

चाय का नाम जुबां पर आते ही लज्जतदार, जायकेदार, महकदार, कड़क, ताजगीयुक्त, फ्लेवर युक्त आदि कई जुमले जेहन में आते हैं। आज चाय एक लोकप्रिय पेय के रूप अपना मुकाम बनायें है। चाय ने खुद को बुलंद कर लिया हैं। दुनिया में सबसे अधिक चाय ख़पत वाले देश भारत के बेहतरीन चाय ख़ज़ानों में से चुनें अपनी पसंद की चाय।

लेमन टी  जिन्जर टी  मिन्ट टी  कटिंग टी  हॉट-स्पाइसी आफ़्टरनून टी आइस्ड टी  मसाला चाय  पीच टी  इरानी चाय  ढाबा चाय  कश्मीरी कहवा चाय  सिन्नामॉन टी  टी कूकिज़  बटर टी  रजवाड़ी चाय

हर घूँट में खिले मुस्कान

क्योंकि चाय में होते हैं ताज़गी प्रदान करने वाले प्राकृतिक गुण। इन्हीं गुणों के कारण चाय में होते है अच्छी सेहत का राज़। इसे पीकर आप बेहतर और स्वस्थ दिखते हैं तभी तो खिलती है आपके चेहरे पर मुस्कान।


थक के चूर? हो जाये एक कप चाय

एक कप चाय, जादू जैसा असर करती है। चाय में होता है एण्टी-ऑक्सीडेंट, जो जगाता है नया जोश और देता है भरपूर ताज़गी, जिससे आपकी थकान हो जाती है दूर।



सुन्दरता के टिप्स

चाय एक प्राकृतिक एस्ट्रीनजेंट है। अगर कील-मुँहासे हो गये है तो चेहरा चाय से धोएं। बालों को साफ़, चमकिला और घना करना चाहती है तो उन्हें चाय के लिकर में डुबाएं।

 

किसी दूरदराज भारतीय गांव में या किसी शहर के कोने में बने ठीयों पर, हर नुक्कड़ की शुरूआत चाय से होती है। मेहमान घर आये है मतलब चाय पर आये है। कभी-कभी ये ताना भी सुनने को मिल सकता है, घर जाओं तो ये चाय को भी नहीं पूछते। 

पानीपत की जबरदस्त दूध वाली चाय, लखनऊ की नमक वाली मलाईदार चाय, मुंबई की मसाले वाली चाय या इंदौर की'कटिंग'चाय-सबका एक ही मतलब है-दुनिया और अपने बीच एक अंतरंग रिश्ते की खुशबूदार अदृश्य डोर को बुनना।जो स्वाद और अपनापन सड़क किनारे चाय की दुकान की चाय में होता है वो फाइव स्टार या किसी रेस्टोरेंट की चाय में कहां। चाय बनाने के लिये गैस स्टोव, पीतल का भगौना, चाय की छलनी और कपड़े से छनती चाय, कांच के सामान्य गिलास में चाय जिसे आप दोनो हाथों के बीच दबा कर पिये वो भी खासकर बारिश के मौसम में। चाय के साथ नाश्ते के लिये कांच की बड़ी-बड़ी बरनियों में रखें मख्खन और नारियल के बिस्कुट या थाल में रखी मिर्च की भजिया व पकौडियां ।हरियाणा के ढाबे पर गाढ़ा दूध और ज्यादा ही प्यार से डाली गई शक्कर हो, उत्तरप्रदेश के किसी मोहल्ले में नमक की पतली चाय हो या दिल्ली में'मलाई मार के'...चाय एक अनूठी साथी है। न तो रेलवे स्टेशन की सुबह इसके बिना खूबसूरत हो सकती है, न किसी भव्य फिल्म की शूटिंग पर माहौल बन सकता है। यह रिश्तों के लिये है। यह गरम-गरम चाय, चाह जगाने वाली खुशबू तथा बातों के बहाने का सर्वप्रिय इंतजाम है।यह पूछी नहीं, पिलाई जाती है। जब आप किसी के साथ बैठकर चाय पीते हैं तो एक सहचर का भाव जुड़ जाता है। हम प्याला, हम निवाला यानी शेयरिंग का भाव पनपता है।

 

सूरज की किरणें जब हौले से आपका स्पर्श कर रही हों ऐसे में सुबह-सुबह एक गर्म चाय की प्याली आपके पूरे दिन को खुशनुमा बना देती है और अब तो आपका मन चाह रहा होगा कि हो जाए, एक कप चाय।

मनीषा शर्मा~

9 comments:

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  2. मनीशा जी, सच में जगत में चाय बड़ी बलवान है। सुस्ती हटावे, स्फूर्ति दिलावे, सकल दर्द मिट जाय ...l. सुन्दर प्रस्तुति...मनीशा जी।

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    1. शुक्रिया ज्योति जी, वैसे चाय को राष्ट्रीय पेय भी घोषित किया जा सकता है :) :)

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  3. Nice job Sweetie..

    http://zigzacmania.blogspot.in/

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  4. Zabardast!! Only a chai lover (aka me ;-)) can appreciate it! Loved it to bits Manisha :-)
    Cheers, Archana - www.drishti.co

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  5. i love tea and i love the post.....:)

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